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चंडीगढ़

Chandigarh News: चंडीगढ़ डीजीपी आवास पर एट होम कार्यक्रम में फर्जी बिल से गबन का खुलासा

Chavi Sharma
24 April 2025 12:07 PM IST
Chandigarh News: चंडीगढ़ डीजीपी आवास पर एट होम कार्यक्रम में फर्जी बिल से गबन का खुलासा
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आईपीएस अधिकारी के इशारे पर टेंडर प्रक्रिया से बचते हुए बनाए गए थे जाली बिल, सीवीसी तक पहुंचा मामला

Chandigarh News: 2021 में पुलिस वीक के दौरान चंडीगढ़ के तत्कालीन डीजीपी आवास पर आयोजित 'एट होम' कार्यक्रम के लिए फर्जी बिल बनाकर लाखों रुपये के गबन का मामला उजागर हुआ है। बिलों में हेराफेरी कर टेंडर प्रक्रिया से बचने की कोशिश की गई। शिकायत सीवीसी को सौंपी गई है और खुलासा पुलिस मुख्यालय के ही एक अधिकारी द्वारा किया गया।

कैसे हुआ घोटाले का पर्दाफाश

2021 में पुलिस वीक के तहत डीजीपी के सरकारी आवास के कैंप ऑफिस में ‘एट होम’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में खर्च को लेकर बड़ी धांधली सामने आई है। कार्यक्रम का बिल लगभग 2.97 लाख रुपये का बनाया गया था, जबकि नियमों के मुताबिक ढाई लाख रुपये से ज्यादा की खरीद पर टेंडर अनिवार्य होता है।

Chandigarh News: फर्जी बिल बनाकर नियमों को दी गई चुनौती

शिकायत के मुताबिक, एक आईपीएस अधिकारी के निर्देश पर टेंडर प्रक्रिया से बचने के लिए फर्जी बिल तैयार किए गए। पहले बनाए गए बिल में चार टेंट लगाने का खर्च 1,54,470 रुपये दिखाया गया था। लेकिन जब आपत्ति हुई तो एक नया बिल बनाकर टेंट की संख्या दो कर दी गई और खर्च घटाकर 1,07,100 रुपये कर दिया गया। इसी तरह पूरे आयोजन का खर्च 2.97 लाख से घटाकर 2.49 लाख रुपये दिखाया गया।

सेक्शन ऑफिसर ने जताई थी आपत्ति

बिना टेंडर प्रक्रिया के खर्च स्वीकृत करने पर तत्कालीन सेक्शन ऑफिसर ने आपत्ति जताई थी और स्पष्टीकरण मांगा था। जवाब देने के बजाय, वरिष्ठ अधिकारियों ने एक निचले स्तर के अधिकारी को मामले को GFR 155 के तहत मैनेज करने का निर्देश दे दिया।

Chandigarh News: सीवीसी के पास पहुंचा मामला

सेवानिवृत्त हवलदार जगजीत सिंह ने इस मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को पूरी जानकारी के साथ दस्तावेज और फर्जी बिल सौंपे हैं। इससे पूरा मामला सार्वजनिक हुआ।

तत्कालीन अधीक्षक ने खुद फाइल में लिखा सच

पुलिस मुख्यालय के खरीद शाखा के तत्कालीन अधीक्षक ने फाइल में खुद लिखा था कि पुराने 2.97 लाख के बिल को 2.49 लाख से बदल दिया गया, और यह फैसला वरिष्ठ अधिकारियों के आपसी सहमति से लिया गया।

Chandigarh News: GFR नियम 155 क्या कहता है?

जनरल फाइनेंशियल रूल्स (GFR) 155 के अनुसार, अगर किसी वस्तु की कीमत ₹2.5 लाख से अधिक है और वह GeM (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) पर उपलब्ध नहीं है, तो उसकी खरीद स्थानीय समिति द्वारा की जा सकती है। लेकिन ऐसी स्थिति में निविदा प्रक्रिया आवश्यक होती है, जिसे इस मामले में जानबूझकर नजरअंदाज किया गया।

Chavi Sharma

Chavi Sharma

Chavi Sharma is a senior content writer at Hindustan Reality with over 13 years of experience in content creation, blogging, and digital storytelling. Passionate about accurate and impactful journalism, she now brings her expertise to news writing — covering the latest updates from Himachal Pradesh with clarity and responsibility.

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