
Chandigarh Today News: चंडीगढ़ का कैपिटल कांप्लेक्स: आर्किटेक्चर की मिसाल

Chandigarh Today News: चंडीगढ़ का कैपिटल कांप्लेक्स एक ऐसी वास्तुशिल्प रचना है जो पूरी तरह से कंक्रीट से बनी है। यह दुनिया के लिए मॉडर्न आर्किटेक्चर का बेमिसाल उदाहरण है। इसे आर्किटेक्ट्स के लिए ‘मक्का’ भी कहा जाता है। साल 2016 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था, और आज यह दुनिया भर के वास्तु छात्रों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
आर्किटेक्चर प्रेमियों के लिए किसी तीर्थ से कम नहीं
चंडीगढ़ का कैपिटल कांप्लेक्स दुनिया भर में अपने बेजोड़ डिज़ाइन और निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। पूरी तरह से कंक्रीट से निर्मित यह स्ट्रक्चर इस बात का प्रतीक है कि सीमित संसाधनों के बावजूद कैसे बेहतरीन वास्तुकला संभव है। दुनियाभर के आर्किटेक्चर छात्र इसे देखने पहुंचते हैं। इसी वजह से इसे ‘मक्का ऑफ आर्किटेक्ट’ कहा जाता है।
Chandigarh Today News: शहर का गर्व, कैपिटल कांप्लेक्स
'सिटी ब्यूटीफुल' के नाम से प्रसिद्ध चंडीगढ़ में वैसे तो कई आकर्षण हैं, लेकिन कैपिटल कांप्लेक्स ने इस शहर को एक विशेष पहचान दिलाई है। इसे शहर का दिमाग (Brain of the City) भी कहा जाता है। यह न केवल चंडीगढ़ की पहचान है, बल्कि भारत के आधुनिक शहरी नियोजन का एक शानदार उदाहरण भी है।
विश्व धरोहर का दर्जा और उसकी खास वजह
2016 में यूनेस्को ने कैपिटल कांप्लेक्स को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में मान्यता दी। इसकी प्रमुख वजह है – यह वास्तुकला, शहरी नियोजन और सांस्कृतिक परंपराओं का बेजोड़ मेल है। इसके डिज़ाइन में आधुनिकता और कलात्मकता दोनों की झलक मिलती है।
Chandigarh Today News: आधुनिक वास्तुकला की शुरुआत का प्रतीक
विशेषज्ञों का मानना है कि चंडीगढ़ का यह कॉम्प्लेक्स दक्षिण एशिया में आधुनिक आर्किटेक्चर और अर्बन प्लानिंग की दिशा में पहला कदम था। 1960 के दशक में इसकी शुरुआत हुई, जिसने पूरे क्षेत्र में आधुनिक सोच को जन्म दिया।
बिना प्रशिक्षित श्रमिकों के बना विश्वस्तरीय ढांचा
इस भवन की एक और खासियत यह है कि इसके निर्माण में प्रशिक्षित मजदूरों की कमी थी। इसके बावजूद, इसे इतने सटीक और शानदार तरीके से तैयार किया गया कि यह आज दुनिया भर में सराहा जाता है। उस समय न तो आधुनिक मशीनें थीं और न ही लिफ्ट की सुविधा, लेकिन फिर भी ऊंची इमारतें बनाई गईं।
Chandigarh Today News: ली कार्बूजिए: महान आर्किटेक्ट जिनका सपना था चंडीगढ़
ली कार्बूजिए, जिनका जन्म स्विट्ज़रलैंड में हुआ था और नागरिकता फ्रांस की थी, को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने चंडीगढ़ को डिज़ाइन करने के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने न सिर्फ शहर की योजना बनाई, बल्कि कैपिटल कांप्लेक्स को भी डिज़ाइन किया। फ्रांस और स्विट्ज़रलैंड दोनों देशों ने उन्हें कई सम्मान दिए, यहां तक कि उनके नाम पर सिक्के भी जारी किए गए।
‘ओपन हैंड’ का दिलचस्प इतिहास
कैपिटल कांप्लेक्स में स्थित ‘ओपन हैंड’ प्रतीक चिह्न को पहले भाखड़ा डैम में स्थापित किया जाना था। यह कार्बूजिए की इच्छा थी, लेकिन किसी कारणवश ऐसा संभव नहीं हो पाया। बाद में वर्ष 1985 में इसे कैपिटल कांप्लेक्स में स्थापित किया गया।
Chandigarh Today News: क्या चंडीगढ़ हेरिटेज सिटी है?
भले ही कैपिटल कांप्लेक्स को यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर का दर्जा मिल गया हो, लेकिन चंडीगढ़ को अभी तक आधिकारिक रूप से ‘हेरिटेज सिटी’ घोषित नहीं किया गया है। हालांकि यहां हेरिटेज कमेटी बनाई गई है, लेकिन संसद में इस पर सवाल भी उठ चुके हैं कि जब शहर हेरिटेज सूची में नहीं है, तो कमेटी का औचित्य क्या है।
यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स के लिए आवश्यक मानदंड
- मानवीय रचनात्मकता का अद्भुत उदाहरण
- किसी सांस्कृतिक परंपरा या सभ्यता का प्रमाण
- किसी ऐतिहासिक युग का विशिष्ट प्रतिनिधित्व
- संस्कृति, भूमि उपयोग और पर्यावरण के संबंध का प्रतीक
- किसी ऐतिहासिक घटना, परंपरा या कलाकृति से सीधा संबंध
Chandigarh Today News: भारत के दो वर्ल्ड हेरिटेज शहर
- अहमदाबाद (गुजरात) – 2017 में भारत का पहला वर्ल्ड हेरिटेज सिटी
- जयपुर (राजस्थान) – 2019 में इस सूची में जोड़ा गया
Chavi Sharma
Chavi Sharma is a senior content writer at Hindustan Reality with over 13 years of experience in content creation, blogging, and digital storytelling. Passionate about accurate and impactful journalism, she now brings her expertise to news writing — covering the latest updates from Himachal Pradesh with clarity and responsibility.