Una News | ज्वार-मसलाना खड्ड पर 75 लाख रुपये की लागत से निर्मित वर्षा जल संग्रहण बांध एक दशक बाद भी किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है। दो सरकारों के बदलने के बावजूद किसानों की दुर्दशा जस की तस बनी हुई है। 75.83 लाख रुपये की लागत वाले इस बांध का शिलान्यास 10 नवंबर 2011 को प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के शासनकाल में तत्कालीन सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री रविंद्र रवि ने किया था। Una News हालांकि बांध दो से तीन वर्षों के भीतर बनकर तैयार हो गया, लेकिन यह अपने इच्छित उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाया।
इसके बाद कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान बांध में न तो पानी एकत्र किया गया और न ही किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए पर्याप्त मशीनरी लगाई गई। कांग्रेस शासन के बाद भाजपा सत्ता में आई, लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यकाल में भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। किसान पानी की आपूर्ति के लिए व्यर्थ ही इंतजार करते रहे। इस बांध का उद्देश्य ज्वार पंचायत के लाहड़ गांव और राजपुर जसवां पंचायत के गुलियार गांव की कृषि भूमि की सिंचाई करना था।
मसलाना गांव के किसानों की सिंचाई योजना से उम्मीदें और चुनौतियां: Una News
इसके अलावा, पड़ोसी गांव मसलाना के निवासियों ने इस बांध से जुड़ी सिंचाई योजना से लाभ उठाने की इच्छा जताई है। स्थानीय निवासियों में रामपाल शर्मा, विजय कुमार, राजपुर जसवां के उप प्रधान अनिल कुमार, अश्वनी कुमार, चंचला देवी, सतपाल सिंह, सतपाल शर्मा और शारदा देवी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आवारा और जंगली जानवरों, खासकर बंदरों की मौजूदगी के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है, जिसके कारण क्षेत्र की लगभग 80 प्रतिशत खेती योग्य भूमि बंजर हो गई है।
हालांकि, निवासी अपने घरों के आसपास फसलें उगा रहे हैं, लेकिन ये पूरी तरह से बारिश पर निर्भर हैं। उन्होंने सरकार से ज्वार खड्ड पर सिंचाई बांध के निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि मसलाना गांव, राजपुर जसवां, गुलियार, ज्वार, लाहद और अन्य आसपास के क्षेत्रों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाए।