Himachal News: हिमाचल को नहीं मिल रहा अपने ही पानी का हक!

सिंधु जल संधि के चलते नहीं हो पा रहा चिनाब नदी के जल का इस्तेमाल, जानें क्या है पूरा मामला;

Update: 2025-04-25 06:16 GMT

Himachal News: भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सिंधु जल समझौते के कारण हिमाचल प्रदेश में चिनाब नदी का उपयोग सीमित हो गया है, जिससे न बिजली परियोजनाएं बन पा रही हैं और न ही खेती को मिल रहा लाभ।

सिंधु जल संधि के तहत चिनाब नदी का अधिकांश जल पाकिस्तान को दिए जाने के कारण हिमाचल प्रदेश में न तो जलविद्युत परियोजनाएं बन पा रही हैं और न ही सिंचाई के लिए इसका उपयोग हो पा रहा है। प्रदेश के लाहौल-स्पीति क्षेत्र से निकलने वाली इस नदी पर पाकिस्तान ने अब तक 30 से अधिक परियोजनाओं पर आपत्ति जताई है।

Himachal News: हिमाचल अपने ही जल संसाधनों से वंचित

हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति से निकलने वाली चिनाब नदी, जो आगे जम्मू-कश्मीर में बहती है, सिंधु जल संधि की शर्तों के कारण प्रदेश के लिए उपयोगी नहीं बन पा रही। इस संधि के तहत भारत को चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों का सीमित उपयोग ही करने की अनुमति है, जिससे बिजली उत्पादन और कृषि पर असर पड़ रहा है।

पाकिस्तान ने 30 से अधिक परियोजनाओं पर जताई आपत्ति

अब तक पाकिस्तान ने चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों पर प्रस्तावित करीब 30 जल विद्युत परियोजनाओं पर आपत्ति दर्ज करवाई है। इनमें लाहौल की 4.5 मेगावाट की थियोट परियोजना भी शामिल है, जो बिना जल को रोके बननी थी।

Himachal News: चिनाब नदी की उत्पत्ति और बहाव क्षेत्र

चिनाब नदी की शुरुआत हिमाचल के लाहौल-स्पीति से निकलने वाली चंद्रा और भागा नदियों के संगम से होती है। यह संगम स्थल तांदी कहलाता है, जहां नदी को चंद्रभागा कहा जाता है। जब यह जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करती है, तो इसे चिनाब नाम मिल जाता है। हिमाचल में यह नदी लगभग 960 किलोमीटर क्षेत्र में बहती है, पर इसके जल का प्रयोग न के बराबर होता है।

खेती को भी नहीं मिल रहा लाभ

लाहौल क्षेत्र, जो अपनी आलू और मटर की खेती के लिए प्रसिद्ध है, वहां भी चिनाब के जल का इस्तेमाल सिंचाई के लिए नहीं हो पा रहा। इस वजह से किसानों को भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

Himachal News: राष्ट्रीय हित में चिनाब बेसिन पर परियोजनाएं जरूरी: जस्टा

जल ऊर्जा विशेषज्ञ इंजीनियर आरएल जस्टा के अनुसार चिनाब बेसिन पर जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण राष्ट्रीय हित में है। उनका मानना है कि चंद्रा और भागा नदियों में ऊर्जा क्षमता अपार है, जिसे अगर सही तरीके से उपयोग में लाया जाए, तो हिमाचल ही नहीं, देशभर को लाभ हो सकता है।

Tags:    

Similar News