Himachal Pradesh High Court गुड़िया मामला के दोषी नीलू चिरानी की उम्रकैद की सजा पर हाई कोर्ट में सुनवाई, अधिवक्ता ने CBI जांच पर उठाए सवाल
जिला सिरमौर की अदालत ने एक हत्या के केस में आजीवन कारावास का दण्ड दिया था जिसे कम करके 10 वर्ष हाई कोर्ट द्वारा किया गया था.;
Himachal Pradesh High Court में गुड़िया मामले के दोषी चिरनि नीलू की आजीवन कारावास की सजा के विरुद्ध दर्ज की गयी अपील पर सुनवाई हुई. ये सुनवाई न्यायाधीश अजय मोहन गोयल और बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ द्वारा की जा रही है. आपको बता दें की वर्ष 2017 में गुड़िया दुष्कर्म और हत्या का मामला सामने आया जिसमे नीलू चिरानी को सजा हुई थी. अपराधी की तरफ से अधिवक्ता ने CBI द्वारा इकट्ठे किये गए सबूतों पर सवाल उठाये. इस पर खंडपीठ द्वारा सवाल पूछा गया की क्या इससे पहले भी अपराधी किसी और अपराध में शामिल पाया गया है.
इसके जवाब में अपराधी के अधिवक्ता ने बताया की जिला सिरमौर की अदालत ने एक हत्या के केस में आजीवन कारावास का दण्ड दिया था जिसे कम करके 10 वर्ष हाई कोर्ट द्वारा किया गया था. खंडपीठ द्वारा पूछे कए प्रश्न की ऐसा कोई तरीका जिससे अपराधी खुद को बेकसूर साबित कर सके. इस पर अधिवक्ता ने कहा की गुड़िया की हत्या CBI द्वारा याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने से 1 वर्ष पहले हुई थी.
सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप, 1 साल तक नहीं हुई कोई गिरफ्तारी - Himachal Pradesh High Court
अधिवक्ता ने अदालत से कहा की 5 जुलाई 2017 की घटना के बाद 12 अप्रैल 2018 तक CBI द्वारा कोई भी गिरफ्तारी नहीं की गयी. जैसे ही अपराधी की माँ का DNA मैच किया गया तो 13 अप्रैल 2018 को याचिकाकर्ता को पकड़ लिया गया. नीलू शिमला की जिला अदालत के फैसले को चुनौती दे रहा है. अधिवक्ता ने न्यायाधीश के सामने कहा की इस मामले में सीबीआई द्वारा 250 लोगों के खून के सैंपल लिए गए हैं, सबूतों के साथ छेड़छाड़ होने की बात अधिवकता द्वारा कही गयी है.
अब इस मामले में अधिवक्ता मंगलवार को खंडपीठ के सामने अपनी दलीले रखेंगे. नीलू के इस मामले में Himachal Pradesh High court दो दिन लगातार दोपहर 3 बजे के बाद सुनवाई करेगी.