Shimla News: धर्मशाला में शिफ्ट हों कुछ सरकारी कार्यालय

शिमला पर बढ़ते दफ्तरों के बोझ को कम करने की पहल, धर्मशाला में खाली भवनों के उपयोग की मांग;

Update: 2025-04-30 05:42 GMT

Shimla News: शिमला में सरकारी दफ्तरों के बढ़ते दबाव और स्थान की कमी को देखते हुए, धर्मशाला के नेताओं ने वहां मौजूद खाली सरकारी भवनों में कार्यालयों को स्थानांतरित करने की मांग की है। इस संबंध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से धर्मशाला के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की और प्रस्ताव रखा। मुख्यमंत्री ने मांगों पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया।

विस्तार से:

शिमला में दिनों-दिन बढ़ते सरकारी कार्यालयों के दबाव और विस्तार में आ रही चुनौतियों के समाधान के लिए अब कांगड़ा जिले की ओर से एक सार्थक पहल देखने को मिली है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के विकेंद्रीकरण के विजन को आगे बढ़ाते हुए, धर्मशाला के स्थानीय नेताओं ने यह सुझाव दिया है कि राजधानी में स्थित कुछ प्रमुख सरकारी दफ्तरों को धर्मशाला स्थानांतरित किया जाए।

धर्मशाला के निवासियों और नेताओं का मानना है कि इससे न केवल कार्यालयों का बेहतर विस्तार संभव होगा, बल्कि शिमला पर पड़ने वाला अतिरिक्त दबाव भी घटेगा। इसी उद्देश्य को लेकर मंगलवार को कांग्रेस नेता देवेंद्र जग्गी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट की।

प्रतिनिधिमंडल ने सुझाव दिया कि शिमला समेत अन्य स्थानों पर किराए के भवनों में चल रहे सरकारी कार्यालयों को धर्मशाला के खाली पड़े सरकारी भवनों में स्थानांतरित किया जाए। इससे सरकार पर वित्तीय भार कम होगा और शहरी क्षेत्रों में भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

विशेष रूप से शिमला जैसे पर्यटन-प्रधान क्षेत्र में, जहां पर्यटकों की आवाजाही पहले से अधिक है और आबादी में भी इजाफा हुआ है, वहां कार्यालयों का अत्यधिक बोझ आम लोगों और पर्यटकों दोनों को असुविधा पहुंचा रहा है।

धर्मशाला के नेताओं ने यह भी कहा कि शिमला की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण को संरक्षित रखना आवश्यक है। वर्तमान में सरकारी विस्तार के लिए पेड़ों की कटाई और निर्माण कार्य से पर्यावरणीय असंतुलन पैदा हो रहा है। इससे न केवल वर्षा और बर्फबारी में कमी आ रही है, बल्कि यह पर्यटन को भी प्रभावित कर रहा है।

मुख्यमंत्री का आश्वासन: Shimla News

मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में समान विकास और आत्मनिर्भरता को लेकर प्रतिबद्ध है। अपने सवा दो साल के कार्यकाल में सरकार ने कई मजबूत निर्णय लिए हैं जिनका प्रभाव आने वाले वर्षों में साफ दिखेगा।

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