Kangana Ranaut: कंगना का वार: कांग्रेस को बताया 'अंग्रेजों की औलाद', बिजली बिल पर भी बवाल
Kangana Ranaut | कंगना रनौत ने अपने एक हालिया बयान में कहा कि 2014 से पहले भारत को भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता था।
विस्तृत जानकारी:
भारतीय जनता पार्टी की सांसद और अभिनेत्री Kangana Ranaut एक बार फिर अपने तीखे बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। मंडी लोकसभा सीट से सांसद कंगना ने कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लेते हुए उसे “भ्रष्ट” और “अंग्रेजों की छोड़ी हुई औलाद” करार दिया।
वह सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कांगू में एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारत की पहचान भ्रष्टाचार से होती थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह छवि पूरी तरह बदल गई है। उन्होंने कहा कि मोदी की ईमानदारी और कठोर फैसलों से देश में नई सोच और बदलाव आया है।
मेरी मंडी लोकसभा - मेरा परिवार
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) April 9, 2025
आज सुंदरनगर विधानसभा के कलौहड़, जड़ोल, कांगू, मलोह, बोबर व भनवाड़ क्षेत्रों में जनसंपर्क कर स्थानीय नागरिकों से मुलाकात की, उनके सुख-दुख साझा किए और समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही सांसद निधि से लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न… pic.twitter.com/Ehx4ArszKu
कंगना ने पूर्व कांग्रेस सांसद प्रतिभा सिंह पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिभा सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान सांसद निधि से मंडी क्षेत्र में कोई ठोस योगदान नहीं दिया। इसके विपरीत कंगना का दावा है कि उन्होंने बीते आठ महीनों में मंडी क्षेत्र के रामपुर से लेकर भरमौर तक 5 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है।
बिजली बिल विवाद में भी घिरीं Kangana Ranaut
हाल ही में कंगना रनौत ने यह बयान दिया कि उनके मनाली स्थित खाली घर का बिजली बिल करीब एक लाख रुपये आया है, जबकि वह वहां रहती भी नहीं हैं। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
हालांकि, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (HPSEBL) ने उनके इस दावे को गलत बताया है। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि ₹90,384 का बिल दो महीनों (जनवरी-फरवरी 2025) का है और इसमें ₹32,287 का पुराना बकाया भी शामिल है।
बोर्ड के अनुसार, कंगना ने अक्टूबर-दिसंबर 2024 के बिल का समय पर भुगतान नहीं किया था, जो कि ₹82,061 था। जनवरी और फरवरी में उनकी कुल खपत करीब 14,000 यूनिट रही। औसतन देखा जाए तो उनके आवास पर हर महीने 5,000 से 9,000 यूनिट तक की बिजली खर्च हुई है। साथ ही, उन्हें हिमाचल सरकार की तरफ से बिजली पर सब्सिडी भी मिलती है।