Himachal News in Hindi: सुक्खू सरकार की अनोखी पहल: अब इलाज के लिए घर आएगी एंबुलेंस, मुफ्त में मिलेंगी दवाएं
हिमाचल सरकार ने ग्रामीण बुजुर्गों के लिए चिकित्सा सुविधा को लेकर बड़ा कदम उठाया है।;
Himachal News in Hindi | हिमाचल प्रदेश में अब गांवों में रहने वाले बुजुर्गों को इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत मेडिकल एंबुलेंस सीधे मरीज के घर तक पहुंचेगी। इस वैन में डॉक्टर, नर्स और फार्मासिस्ट की टीम मौजूद रहेगी, जो घर पर ही बुजुर्ग मरीजों का इलाज करेगी। योजना उन्हीं इलाकों में शुरू की जाएगी जहां सड़क मार्ग की सुविधा उपलब्ध है।
इलाज के दौरान मुफ्त मिलेगी दवा और अन्य सुविधाएं: Himachal News in Hindi
एंबुलेंस वैन में जरूरी दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य चिकित्सा उपकरणों के साथ-साथ 33 प्रकार के मेडिकल टेस्ट की सुविधा भी दी जाएगी। यदि किसी बुजुर्ग की हालत गंभीर पाई जाती है, तो उसे तत्काल नजदीकी अस्पताल में रेफर किया जाएगा। मरीजों के ब्लड सैंपल और अन्य जांचें घर पर ही ली जाएंगी, और उनकी रिपोर्ट परिजनों को मोबाइल पर भेजी जाएगी ताकि समय पर इलाज हो सके। साथ ही, मरीजों को इलाज के दौरान सभी दवाइयां मुफ्त में दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने दिए योजना के क्रियान्वयन के निर्देश: Himachal News in Hindi
सीएम सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस योजना की पूरी तैयारी का जायजा लिया और इसे जल्द से जल्द लागू करने को कहा है। मुख्यमंत्री की ओर से साफ निर्देश दिए गए हैं कि जरूरत पड़ने पर नजदीकी अस्पताल से चिकित्सा टीम घर भेजी जाए।
अब डॉक्टर फोन कॉल पर पहुंचेंगे मरीज के घर:
ग्रामीण क्षेत्रों में यदि किसी व्यक्ति की तबीयत बिगड़ती है, तो परिवारजन नजदीकी अस्पताल में फोन कर डॉक्टर को घर बुला सकेंगे। इस सुविधा को भी योजना का हिस्सा बनाया गया है, ताकि लोगों को अस्पताल जाने की परेशानी न उठानी पड़े।
चुनावी वादा अब धरातल पर: Himachal News in Hindi
कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में घर-द्वार पर चिकित्सा सुविधा देने का वादा किया था। अब मुख्यमंत्री सुक्खू और स्वास्थ्य विभाग मिलकर इस गारंटी को हकीकत में बदलने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस योजना से खासकर बुजुर्गों और दूर-दराज के ग्रामीणों को बहुत राहत मिलेगी, जो अब तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित थे।