Bilaspur News Today: नींद की कमी से बढ़ रहीं जानलेवा बीमारियां: प्रो. पूनम वर्मा
प्रो. पूनम वर्मा ने दी नींद से जुड़ी अहम सलाह, कहा- बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है गहरी और पूरी नींद;
सार
Bilaspur News Today: एम्स बिलासपुर की अतिरिक्त प्रोफेसर पूनम वर्मा ने नींद से संबंधित गंभीर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि अगर लोग पर्याप्त और गुणवत्ता वाली नींद नहीं लेते, तो इससे दिल की बीमारियों से लेकर मानसिक तनाव तक कई घातक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। डिजिटल युग में नींद की अनदेखी हमें गंभीर स्वास्थ्य संकट की ओर ले जा रही है।
नींद नहीं सिर्फ आराम, बल्कि जरूरी मरम्मत की प्रक्रिया है
एम्स बिलासपुर के फिजियोलॉजी विभाग की अतिरिक्त प्रोफेसर पूनम वर्मा ने नींद को लेकर एक जागरूकता संदेश साझा किया है। उन्होंने कहा कि नींद केवल शरीर को आराम देने का समय नहीं, बल्कि यह दिमाग और शरीर के पुनर्निर्माण का बेहद जरूरी चरण है। आधुनिक जीवनशैली, लगातार बढ़ता तनाव और स्मार्टफोन जैसे गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग से लोग नींद को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं, जो चिंता का विषय है।
Bilaspur News Today: नींद के दो अहम चरण: NREM और REM
प्रो. वर्मा ने बताया कि नींद दो मुख्य भागों में बंटी होती है - नॉन रैपिड आई मूवमेंट (NREM) और रैपिड आई मूवमेंट (REM)।
NREM नींद के तीन चरण होते हैं, जिसमें मांसपेशियां पूरी तरह आराम करती हैं और शरीर ऊर्जा एकत्र करता है। इस दौरान शरीर का विकास, इम्यून सिस्टम की मजबूती और स्मृति सहेजने की प्रक्रिया चलती है।
वहीं REM नींद के दौरान आंखें तेज़ी से हिलती हैं और यह मस्तिष्क के लिए 'रीसेट बटन' जैसा काम करती है।
एक सामान्य नींद चक्र लगभग 90 मिनट का होता है और रातभर में ऐसे 4-6 चक्र होते हैं।
कम नींद बन सकती है गंभीर बीमारियों की वजह
उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति लगातार 6 घंटे से कम सोता है, तो इससे शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं:
- दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है
- ब्लड प्रेशर असंतुलित हो सकता है
- इंसुलिन रेसिस्टेंस के कारण डायबिटीज की संभावना बढ़ती है
- मोटापा, अवसाद, चिंता और चिड़चिड़ापन जैसी मानसिक समस्याएं जन्म ले सकती हैं
- शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण की आशंका बढ़ती है
Bilaspur News Today: ये आदतें बिगाड़ रही हैं नींद की गुणवत्ता
प्रो. वर्मा ने बताया कि हमारे कुछ रोज़मर्रा के व्यवहार नींद को प्रभावित कर रहे हैं:
- मोबाइल, लैपटॉप और टीवी की ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन को प्रभावित करती है
- कैफीन युक्त पदार्थ जैसे चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स और कोल्ड ड्रिंक्स नींद में बाधा डालते हैं
- भारी या वसायुक्त खाना रात में लेने से पेट भारी रहता है, जिससे नींद खराब होती है
- देर रात जागना और सुबह देर से उठना शरीर की सर्केडियन रिद्म को बिगाड़ता है
- तनाव, परीक्षा की चिंता और ऑफिस प्रेशर भी नींद पर बुरा असर डालते हैं
नींद सुधारने के लिए अपनाएं ये उपाय
प्रो. वर्मा ने बेहतर नींद के लिए कुछ आसान उपाय सुझाए हैं:
- हर रोज एक तय समय पर सोएं और उठें
- सोने से कम से कम 1 घंटे पहले डिजिटल डिवाइस का प्रयोग बंद कर दें
- रात में कैफीन और भारी भोजन से परहेज करें
- बेडरूम को शांत, अंधेरा और ठंडा रखें, ताकि नींद अनुकूल माहौल में आ सके
- बिस्तर को केवल सोने के लिए उपयोग करें, वहां काम या मोबाइल न चलाएं
- दिन में हल्का व्यायाम जरूर करें, लेकिन सोने से ठीक पहले नहीं
- सोने से पहले योग, प्राणायाम या मेडिटेशन करने से मानसिक शांति मिलती है
- ज़रूरत पड़ने पर मनोचिकित्सक से सलाह लेने में हिचकिचाएं नहीं