Himachal News Today: शूटरों से भिड़े सिपाही ने बचाई पूर्व विधायक की जान
पुलिस जवान संजीव कुमार ने बहादुरी की मिसाल पेश की, हिमाचल दिवस पर हुआ सम्मानित;
सार
Himachal News Today: हिमाचल प्रदेश के होली पर्व पर पूर्व विधायक बंबर ठाकुर पर हुए हमले में पुलिस जवान संजीव कुमार ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए उन्हें गोलियों से बचाया। बिना समय गंवाए संजीव ने मानव ढाल बनकर विधायक की रक्षा की और जवाबी फायरिंग में हमलावरों को खदेड़ा। इस साहसिक कार्य के लिए उन्हें हिमाचल दिवस पर सम्मानित किया गया।
वीरता की मिसाल: संजीव कुमार का साहसिक निर्णय
हिमाचल प्रदेश के उन बहादुरों में एक नाम और जुड़ गया है—कांस्टेबल संजीव कुमार, जिन्होंने पूर्व विधायक बंबर ठाकुर की जान बचाकर कर्तव्यपरायणता और अद्भुत साहस की मिसाल कायम की। होली के दिन जब चार शूटरों ने अचानक सरकारी आवास में बंबर ठाकुर पर गोलियां बरसानी शुरू कीं, उस समय संजीव ने पलक झपकते ही निर्णय लिया और खुद को उनकी ढाल बना लिया।
Himachal News Today: "अगर पिस्टल निकालता तो देर हो जाती" – संजीव कुमार
संजीव कुमार ने बातचीत में बताया, “जब शूटरों ने फायरिंग शुरू की तो मैं कुछ पल के लिए स्तब्ध रह गया, लेकिन तुरंत एक ही बात दिमाग में आई कि साहब को बचाना है। अगर उस समय पिस्टल निकालता, तो देर हो जाती। इसलिए मैंने खुद को उनकी ढाल बनाते हुए पहले उन्हें सुरक्षित किया और फिर पिस्टल निकालकर जवाबी फायरिंग की।”
उनकी फुर्ती और बहादुरी से शूटर डरकर मौके से फरार हो गए, लेकिन इस संघर्ष में संजीव खुद भी गंभीर रूप से घायल हो गए। गोलियां उनकी पीठ और एड़ी में लगीं।
जख्मी होकर भी डटा रहा जवान, आज व्हीलचेयर पर भी जोश कायम
संजीव ने बताया कि गोलियां लगने के बाद भी उन्हें अहसास नहीं हुआ कि वे घायल हैं। घटना के शांत होने के बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां जांच में पता चला कि एड़ी की हड्डी को निकालना पड़ा। डॉक्टरों ने उन्हें 6 महीने का आराम बताया है। फिलहाल वे व्हीलचेयर पर हैं, लेकिन उनकी देशभक्ति और कर्तव्य के प्रति समर्पण में कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, “जब से वर्दी पहनी है, तब से कर्तव्य ही मेरा धर्म रहा है।”
Himachal News Today: हिमाचल दिवस पर मिला सम्मान, बोले- सबसे बड़ा इनाम कर्तव्य निभाना
पूर्व विधायक की जान बचाने वाले संजीव कुमार को हिमाचल दिवस के मौके पर विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि संजीव की बहादुरी और निष्ठा पुलिस बल ही नहीं, समाज के हर व्यक्ति के लिए प्रेरणास्रोत है। गोलीबारी के बीच जो हौसला संजीव ने दिखाया, वह काबिले तारीफ है।
इस मौके पर संजीव ने कहा, “यह सम्मान मेरे लिए बहुत मायने रखता है, लेकिन असली पुरस्कार तो वही था जब मैं अपने कर्तव्य पर खरा उतरा। जल्द ही ठीक होकर वापस ड्यूटी पर उसी जोश से लौटूंगा।”